Tuesday, 27 January 2009

मुझे मिलना उस मोड़ पर!!



मुझे मिलना उस मोड़ पर ,
जहा केवल हम दोनों हो
वो मोड़ एसा हो-----
जहा से ना पीछे हट सकू '
और से ना आगे जा सकु
बिन संग तुम्हारे

मुझे मिलाना उस मोड़ पर
जहा बसंती हवा के झोके मुझे
मीठी सी कशिश में बांधले ले '
और तुम्हे भी रंग ले अपने रंग में .

मुझे मिलना उस मोड़ पर

जब मै बिखर जाऊ ,
अमलताश की भाति.....
और तुम समेट लो ....
अपनी बाहों में मुझे ...

मुझे मिलना उस मोड़ पर

जब तुम सुनना चाहो
कुछ दिल से ---
और मै कुछ कहना चाहू
दिल से .....

मुझे मिलना उस मोड़ पर
जहा पे जोर से बारिश आरहा है,
जहा पे सिर्फ़ और सिर्फ़ हम दोनों है
हस्ते हस्ते, प्यार से मीटी मीटी बाते
करते करते, उस लम्बी सी रास्ते में
सिर्फ़ वो आवाज जो हमें हमारा दिल को
कुश देता है!!

मुझे मिलना उस मोड़ पर
जहा पे हमारे में,
हम दोनोकेलिये,
पूरी जगह है,
यादों केलिए जगह,
बातों के लिए जगह,
प्यार के लिए जगह होती है,
सिर्फ़ उस मोड़ पर मिलना मुझे!!

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